श्रीभगवानुवाच —
बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन ।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परंतप ॥
Many births have passed for you and Me; I know them all—you do not.
तेरे और मेरे अनेक जन्म हुए; मैं जानता हूँ—तुम नहीं।
Life Lesson:
The Divine remembers; ego forgets.
दैवी स्मृति—अहं विस्मृति।