न हि देहभृता शक्यं त्यक्तुं कर्माण्यशेषतः ।
योस्तु कर्मफलत्यागी स त्यागीत्यभिधीयते ॥
One embodied cannot abandon all action entirely; he who relinquishes the fruit is called a tyagi.
देही समस्त कर्म नहीं छोड़ सकता; जो फल त्यागे वही त्यागी।
Life Lesson:
Keep acting; drop grabbing.
कर्म रहे—पकड़ छूटे।