अर्जुन उवाच —
ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः ।
तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः ॥
Arjuna said: Those who, laying aside scripture, worship with faith—what is their state, O Krishna—sattvic, rajasic, or tamasic?
अर्जुन बोले: जो शास्त्र छोड़ श्रद्धा से उपासना करते—उनकी निष्ठा कैसी है—सात्त्विक, राजसिक, या तामसिक, हे कृष्ण?
Life Lesson:
Faith exists in modes; discern yours.
श्रद्धा गुणों में रंगती है—अपनी पहचानो।