Chapter 13 — Kshetra Kshetrajna Vibhaga Yoga • Verse 13.24
य एवं वेत्ति पुरुषं प्रकृतिं च गुणैः सह ।
सर्वथा वर्तमानोऽपि न स भूयोऽभिजायते ॥
He who thus knows Purusha and Prakriti with the gunas—however he lives—he is not born again.
जो पुरुष‑प्रकृति और गुणों को ऐसे जान ले—वह सर्वथा स्थित होकर भी पुनर्जन्म नहीं लेता।
Life Lesson:
Right seeing severs the loop.
सम्यक् दृष्टि चक्र काट देती है।