क्षेत्रज्ञं चापि मां विद्धि सर्वक्षेत्रेषु भारत ।
क्षेत्रक्षेत्रज्ञयोर्ज्ञानं यत्तज्ज्ञानं मतं मम ॥
Know Me as the Knower in all fields, O Bharata; the knowledge of Field and Knower—this I consider true knowledge.
हे भारत! सभी क्षेत्रों में क्षेत्रज्ञ रूप मुझे जानो; क्षेत्र‑क्षेत्रज्ञ का ज्ञान ही मेरे मत में यथार्थ ज्ञान है।
Life Lesson:
Seek the One Knower behind many bodies.
अनेक देहों के पीछे के एक ज्ञाता को खोजो।