संनियम्येन्द्रियग्रामं सर्वत्र समबुद्धयः ।
ते प्राप्नुवन्ति मामेव सर्वभूतहिते रताः ॥
Restraining the senses, even-minded everywhere, delighting in the welfare of beings—they too reach Me.
इन्द्रियों को संयम कर, सर्वत्र समबुद्धि होकर, सर्वभूतहित में रत—वे भी मुझे प्राप्त होते हैं।
Life Lesson:
Compassion is also a bridge to God.
सर्वहित भी ईश्वर का सेतु है।