श्रीभगवानुवाच —
हन्त ते कथयिष्यामि दिव्या ह्यात्मविभूतयः ।
प्राधान्यतः कुरुश्रेष्ठ नास्त्यन्तो विस्तरस्य मे ॥
The Lord said: Well then, I shall declare to you My divine glories, O best of Kurus—chiefly; for there is no end to My expanse.
भगवान बोले: अच्छा, मैं अपनी दिव्य विभूतियाँ मुख्य रूप से कहूँगा—क्योंकि मेरे विस्तर का अन्त नहीं।
Life Lesson:
Samples suggest the sea.
कुछ उदाहरण सागर का संकेत देते हैं।