न मे विदुः सुरगणाः प्रभवं न महर्षयः ।
अहमादिर्हि देवानां महर्षीणां च सर्वशः ॥
Neither the hosts of gods nor great sages know My origin; I am the source of the gods and sages in every way.
देवगण और महर्षि भी मेरे उद्गम को नहीं जानते; मैं स्वयं देवों और महर्षियों का आदि हूँ।
Life Lesson:
Source is prior to even the brightest minds.
स्रोत स्वयं महान बुद्धियों से भी पूर्व है।