Chapter 9 — Raja Vidya Raja Guhya Yoga • Verse 9.32
मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्युः पापयोनयः ।
स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम् ॥
Even those of sinful birth—women, Vaishyas, and Shudras—taking refuge in Me, also go to the supreme goal.
जो मेरी शरण लेते हैं—स्त्री, वैश्य, शूद्र या पाप‑योनि—वे भी परम गति को प्राप्त होते हैं।
Life Lesson:
Refuge cancels social ceilings.
शरण सामाजिक छतों को निरस्त करती है।