Chapter 9 — Raja Vidya Raja Guhya Yoga • Verse 9.24
अहं हि सर्वयज्ञानां भोक्ता च प्रभुरेव च ।
न तु मामभिजानन्ति तत्‍वेनातश्च्यवन्ति ते ॥
For I alone am the enjoyer and Lord of all sacrifices; but they do not know Me in truth—therefore they fall.
मैं ही समस्त यज्ञों का भोक्ता और प्रभु हूँ; पर वे मुझे तत्त्वतः नहीं जानते—इसी कारण च्युत होते हैं।
Life Lesson:
Know the One behind all worship.
हर आराधना के पीछे के ‘एक’ को पहचानो।