अव्यक्तोऽक्षर इत्युक्तस्तमाहुः परमां गतिम् ।
यं प्राप्य न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम ॥
That Unmanifest is called the Imperishable; reaching which they do not return—that is My highest abode.
उस अव्यक्त को अक्षर कहा गया है; जिसे प्राप्त होकर लौटना नहीं पड़ता—वही मेरा परम धाम है।
Life Lesson:
Set your GPS to the non-return address.
अपना लक्ष्य ‘न-लौटने’ वाले धाम पर रखो।