नाहं प्रकाशः सर्वस्य योगमायासमावृतः ।
मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥
I am not manifest to all, veiled by Yoga-Maya; this deluded world knows not Me, unborn and immutable.
मैं योगमाया से आच्छन्न सबके लिए प्रत्यक्ष नहीं; यह मोहित जगत मुझे अज और अव्यय नहीं जानता।
Life Lesson:
Veiling is part of the pedagogy of Truth.
आवरण सत्य की शिक्षण-प्रक्रिया का अंग है।