Chapter 6 — Dhyana Yoga • Verse 6.31
सर्वभूतस्थितं यो मां भजत्येकत्वमास्थितः ।
सर्वथा वर्तमानोऽपि स योगी मयि वर्तते ॥
He who worships Me as abiding in all beings, established in oneness—that yogi dwells in Me whatever he does.
जो मुझे सब भूतों में स्थित मानकर एकत्व में भजता है—वह योगी किसी भी अवस्था में हो, मुझमें ही रहता है।
Life Lesson:
See God in all to stay with God always.
सबमें ईश्वर को देखकर सदैव ईश्वर में रहो।