श्रीभगवानुवाच ——
संन्यासः कर्मयोगश्च निःश्रेयसकरावुभौ ।
तयोस्तु कर्मसंन्यासात् कर्मयोगो विशिष्यते ॥
Both renunciation and Karma Yoga lead to liberation; yet Karma Yoga is superior.
संन्यास और कर्मयोग दोनों मोक्षकारी हैं; किंतु कर्मयोग उत्तम है।
Life Lesson:
Don’t escape action—purify it.
कर्म से भागना नहीं, उसे पवित्र करना है।